शिराजे हिन्द जौनपुर से कर्बला और ईरान को ज्यारत करने के लिए नवजवान लडके आज दिन में ४ बजे रवाना हुवे ,ये ज्यारत इस्लामिक महीने के दो माह के सफर में की जाती है ,जिसे अरबियन के नाम से भी जाना जाता है ,इस दिन हिंदुस्तान से ही नहीं पुरी दुनिया से अकिदत्म्न्द ज्यारत के लिए जाते है I ये नव यूवक इराक के नजफ शहर से कर्बला तक पैदल एस पाक सफर को तय करेंगे I ये सफर मुहम्द साहब के नवासे की याद में होती है Iजिनको कर्बला की जमीन भूखा प्यासा कत्ल कर दिया गया था Iइस दिन इमाम हुसैन की बहन उनके बेटे और उनके परिवार की औरतें इराक के शहर शाम जो इस समय सीरिया कहलाता है वहां से अपने मौला इमाम हुसैन की कब्र पर जाते हैं नौहा और मातम करते है Iउसी की याद में दुनिया के तमाम लोग इस पाक सफर को तय करते है I ज्यारत के लिए से.मेहदी अब्बास ,मीसम अब्बास कर्बला के लिए रवाना हुए I इनको विदाई के लिए रहबर ,चन्दन ,गुर्रेज , नौसा आदि शामिल हुवे I मनीष
MashaAllah...!!!
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