Sunday, November 29, 2015

जौनपुर में अंजुमन हुसैनिया की शब्बेदारी



 जिस घड़ी सुबहे तबस्सुम का उजाला होगा
अंजुमन हुसैनिया की शब्बेदारी में रातभर हुआ नौहा मातम हिंदू नौहेखां विक्रम चंद्र शर्मा व घनश्याम ने पेश किये दर्द भरे कलाम जौनपुर। नगर के बलुआघाट मोहल्ला स्थित मकबूल मंजिल में शनिवार की रात अंजुमन हुसैनिया की ओर से हिन्दू मुस्लिम एकता का प्रतीक कदीम ऐतिहासिक तरही आल इंडिया शब्बेदारी आयोजित की गई। इसमें बैरुनी अंजुमनों के अलावा शहर की प्रमुख अंजुमनों ने पूरी रात कर्बला के सबसे छोटे शहीद अली असगर की याद में अपने दर्द भरे कलाम पेश कर नजराने अकीदत पेश किया। फैजाबाद से आये नौहे खां विक्रम चंद्र शर्मा व लोरपुर अकबरपुर अम्बेडकरनगर से आये घनश्याम जी ने अपने दर्द भरे नौहे पढ़कर पूरे माहौल को गमगीन कर दिया। अलविदाई मजलिस के बाद गहवारे अली असगर और अलम, ताबूत निकाला गया जिसकी जियारत के लिए हजारों लोग मौजूद रहे। शब्बेदारी का आगाज तिलावते कलाम-ए-पाक से हुआ। कुमैल इलाहाबादी सहित अन्य लोगों ने अपने कलाम पेश किये। सोजख्वानी सैयद मोहम्मद निशात व उनके हमनवां ने किया। मजलिस को खेताब करते हुए नौगावां सादात से आये हुए मौलाना सैयद आबिद हुसैन ने कहा कि इमाम हुसैन के सबसे छोटे बेटे जनाब अली असगर जिनकी उम्र छह माह की थी। यजिदी फौजों ने उस वक्त कर्बला के मैदान में तीर से इमाम के हाथों में शहीद कर दिया। जब वे यजिदी फौजों से इस बच्चे के लिए दो कतरा पानी पिलाने के लिए मांग रहे थे जो तीन रोज का भूखा-प्यासा था। इस दर्दनाक वाकिये को सुनकर लोग दहाड़े मारकर रोने लगे। इसके बाद रायपुर छत्तीसगढ़ से आयी अंजुमन अकबरिया ने अपने नौहे पेश कर पूरा माहौल गमगीन कर दिया। मिसरे तरह, लब जरा और जो खोले तो कयामत आये व जिस घड़ी सुबहे तबस्सुम का उजाला होगा पर पूरी रात अंजुमन मासूमिया फैजाबाद के नौहा ख्वां विक्रम चंद्र शर्मा, सिपाहे हुसैनी मुसाफिर खाना सुल्तानपुर, मासूमिया लोरपुर अकबरपुर के नौहा ख्वां घनश्याम जी, शहीदियां अलीनगर अहले सुन्नत नौहाख्वां मुबीज व शमीम, अजंमुन हैदरी बनारस ने अपने दर्द भरे नौहे पढ़ कर कर्बला के इस कमसिन शहीद को नजराने अकीदत पेश किया। अलविदाई मजलिस पुन: मौलाना आबिद हुसैन ने पढ़ा इसके बाद शबीहे ताबूत अलम, झूला अली असगर निकाला गया। सरफराज हुसैन सरफन मिस्त्री ने सभी नौहे खां को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया। शब्बेदारी का संचालन अहमद बिजनौरी व डा. शोहरत जौनपुरी ने किया। जानकारी रहबर अब्बास ने दी


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