जब मैं जौनपुर से वाराणसी गया तो वाराणसी के क्या कहने वाराणसी को बाबा की पावन नगरी काशी के नाम से भी जाना जाता है वाराणसी को देव स्थली कहते है उसी के साथ वहा के नास्ते भी मसहुर है जब मैं वाराणसी स्टेशन उतरा तो वहा हमे लस्सी के बारे में पता चला और मैं भी उसे चखने चल दिया वहां लस्सी की बहुत सी दुकाने थी उसी में से एक धर्मराज की दुकान है उसकी लस्सी पुरे बनारस में प्रसिद्ध है जब मैं उसे चखा तो दिल को छु सी गई उसके स्वाद का क्या कहना लोगो के कतार लगे रहते है उसकी लस्सी के लिए गर्मियों में तो पूछिए ही नहीं जनाब ,जब मैं वहा से आगे बढ़ा तो मुझे मैदागिन जाना था मैदागिन में काम खत्म हो गया तब मुझे भूख लगी वहा के लोगो से जब मैंने खाने के लिए पूछा तो लोगो ने वहा की फेमस कचौड़ी के बारे में बताया लोगो ने कहा की इसी के नाम पे एक कचौड़ी गली भी है जो की इसी के नाम पर रखा गया है जब मैं उसे चखा तो जनाब क्या बताए आप को आप लोग जब भी बनारस आए तो इसको जरुर चखे और भी कुछ प्रसिद्ध नास्ते मिले खाने को उसके बारे में मैं आपने अगले ब्लॉग में लिखू गा .....मनीष
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