Wednesday, November 25, 2015

असहिष्णुता

 आज हिंदुस्तान को आजाद हुए ६८ वर्ष हो गए फिर भी हमारी सोच कुछ लोगो के सोच के इर्द गिर्द क्यों घूम रहा! असहिष्णुता आज ये  शब्द हिंदुस्तान जैसे लोकतान्त्रिक देश में अराजकता और भय का माहौल
बना रहा है!अगर हम इस मुद्दे पर गहन चिंतन करे तो हमे एहसास होगा की जिन्हें हम अपना आदर्श मानते हैं चाहे वो पॉलिटिशियन, फिल्म एक्टर,क्रिकेटर या कोई बड़ी हस्ती हो उनकी बातों को हम बहुत गंभीरता से लेते हैं! हमें खुद सोचना चाहिए की इनके द्वारा कही गयी बात से समाज में अस्थिरता का माहौल तो नहीं बन रहा! आज जग जाहिर है की सत्ता की लालच में सभी पार्टी एक दुसरे पर साम्प्रदायिकता का आरोप लगाती रही है और अपने आप को धर्मनिरपेक्ष बताती रही है! भाइयों आज देश में हिन्दू और मुस्लिम भाइयों के बीच जो दुरी बढ़ रही है उसका मुख्य कारण ये पॉलिटिशियन हैं! ये भली भांति जानते हैं की अगर सत्ता में बने रहना है तो इनको कभी एक न होने दो! आए दिन हमारे देश में दंगे होते रहते हैं, माहौल को शांत  करने के बजाये ये नेता दंगा को और भड़काते हैं! अब समय आ गया है की हम खुद सही और गलत का फैसला करें, क्या समाज के हित में है और क्या अहित में है! मैं उन बुद्धजीवी लोगों से आग्रह करता हूँ की समाज में अस्थिरता का माहौल न बनाए! आज के युवा आपको अपना आदर्ष मानते हैं इसलिए उनके विश्वास के साथ आप न खेलिए!  अमित शुक्ल 

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