जौनपुर के जमइथा गांव में ये जो समाधि है ये बाबा परम हंस जी का है गांव वालो ने बताया की ये बाबा माँ अखंड माता के परम भक्त थे बाबा बहुत बड़े तपी और सिद्ध पुरुष थे बाबा कहा से आए ये किसी को भी नहीं पता बाबा के बारे में लोग बताते है की वो बड़े ही दिवे पुरुष थे वे माता के दरबार में रह कर उनकी सेवा व पूजन करते थे बाबा बड़े ही दयालु पुरुष थे बाबा एक बार ध्यान में थे तो उनकी नाभि से ब्रह्म अग्नि की उत्पत्ति हुई इससे बाबा का पूरा शरीर जलने लगा जब गांव वालो ने देखा तो उनपर पानी डाल के अग्नि बुझाने लगे तब बाबा ने आकाशवाड़ी की मुझपे पानी मत डालो मेरे शरीर पर ब्रह्म अग्नि का प्रगट हुवा है मुझपे हवन की लकडिया डालो हवन की जो भी सामग्री है वो मेरे उपर डालो और मेरी कृपा इस गांव पर सदा रहे गी बाबा के इतना बोलते ही वो धरती में समा गए बाबा के समाधी पे बहुत बड़ा मेला लगता है यही बाबा के तीन भक्तो का भी समाधी है वो मैं अपने अगले लेख में बताऊ गा ...मनीष
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