हिन्दू धर्म में मनना है की यदि काशी के मणिकनिका घाट और हरिश्चंद्र घाट पे पार्थिव शरीर को अग्नि में समर्पित करने से मोछ व् स्वर्ग की प्राप्ति होती है। मानना है की मणिकनिक घाट पे स्वयं पर्भु का वास है स्वर्ग का रास्ता यही से जाता है।इसी काशी नगरी में हरिश्चंद्र घाट है जहाँ हरिश्चंद्र स्वयं सबके पर्थिव शरीर को अग्नि के हवाले करते थे। सत्य के राह पे चलते हुए उनको अनेक कठिन परीक्षाओं से गुजरना पड़ा ।यही वो काशी नगरी है जो इस सत्य का साक्षात् प्रमाण है स्तय कभी पराजित नही होता ।वो डोम बन के कर लेके अंतिम सस्कार करते थे।यहाँ तक की अपने पुत्र की अंतिम संस्कार के लिए भी कर लिए।और प्रभु इनकी असीम सत्यता देख के खुश हो के उनके राज पाठ वापस कर दिया।इस लिए तो काशी तमाम कथाओं के लिए प्रसिद्ध है।जो हमारे आगे लेख में पढ़ने को मिले गा।ऐसे देव भूमि और महा पुरषों की वजह से तो से काशी नगरी स्वर्ग कहलाती है।हर हर महा देव।मनीष
No comments:
Post a Comment