Monday, November 30, 2015
Sunday, November 29, 2015
जौनपुर के नायब एतिहासिक मन्दिर सन 1786 ई. में निर्माण ....?जानिए कहा स्थापित है

इंदौर नहीं मिली कार तो दूल्हे ने रोकी बरात, इधर लड़की ने दूसरे से कर लिया निकाह -
इंदौर
एक लड़की की शादी देवास के लड़के से तय थी। मंगलवार को बरात आनी थी, लेकिन रात को दूल्हा दहेज में कार की मांग को लेकर अड़ गया और बरात लेकर नहीं आया। रात 12 बजे लड़की के पिता ने थाने पर शिकायत कर दी। उधर, रिश्तेदारी में ही एक परिवार को शादी के लिए तैयार किया और आधे घंटे में गम का माहौल खुशी में बदल गया। रात में ही निकाह हो गया।
अब्दुल हफीज शाह ने बेटी तमन्ना की शादी देवास के अजीज शाह के बेटे फरीद से तय की थी। 14 सितंबर को सगाई हो गई और 6 अक्टूबर का दिन शादी का तय हुआ। ईद के बाद से फरीद कार की मांग करता रहा। पिता ने बाइक का इंतजाम कर लिया। दूल्हे ने कहा- कार नहीं मिलेगी तो बरात लेकर नहीं आऊंगा। रात 11 बजे तक लड़का देवास में ही बरात रोके बैठा रहा। बोलता रहा कि कार दो या चार लाख रुपए, वरना रिश्ता भूल जाओ। गार्डन में मेहमान आ गए, पकवान सज गए, लेकिन मायूसी छाई रही। आखिरकार रात 11.30 बजे हफीस ने खजराना थाने पर फरीद की शिकायत कर दी।
आधे घंटे में सारी बातें पक्की हो गई
मायूसी के माहौल के बीच हफीज के छोटे भाई हनीफ शाह ने अपने ससुराल पक्ष से रमजान शाह को तैयार किया। इसके बाद रमजान ने अपने बेटे शरीफ से बात की और तमन्ना का निकाह तय हुआ। हाथोंहाथ सारी बातें पक्की हो गईं और आधे घंटे में काजी को बुलाकर निकाह पढ़वा दिया गया। शरीफ ने बताया उनकी तरफ से तमन्ना से रिश्ते की बात पहले हो गई थी, लेकिन किन्हीं कारणों से रिश्ता हो नहीं सका। वे तो पहले से इस रिश्ते के लिए तैयार थे
कानून ऐसे लालची को सबक सिखाए
एक लड़की की शादी देवास के लड़के से तय थी। मंगलवार को बरात आनी थी, लेकिन रात को दूल्हा दहेज में कार की मांग को लेकर अड़ गया और बरात लेकर नहीं आया। रात 12 बजे लड़की के पिता ने थाने पर शिकायत कर दी। उधर, रिश्तेदारी में ही एक परिवार को शादी के लिए तैयार किया और आधे घंटे में गम का माहौल खुशी में बदल गया। रात में ही निकाह हो गया।
अब्दुल हफीज शाह ने बेटी तमन्ना की शादी देवास के अजीज शाह के बेटे फरीद से तय की थी। 14 सितंबर को सगाई हो गई और 6 अक्टूबर का दिन शादी का तय हुआ। ईद के बाद से फरीद कार की मांग करता रहा। पिता ने बाइक का इंतजाम कर लिया। दूल्हे ने कहा- कार नहीं मिलेगी तो बरात लेकर नहीं आऊंगा। रात 11 बजे तक लड़का देवास में ही बरात रोके बैठा रहा। बोलता रहा कि कार दो या चार लाख रुपए, वरना रिश्ता भूल जाओ। गार्डन में मेहमान आ गए, पकवान सज गए, लेकिन मायूसी छाई रही। आखिरकार रात 11.30 बजे हफीस ने खजराना थाने पर फरीद की शिकायत कर दी।
आधे घंटे में सारी बातें पक्की हो गई
मायूसी के माहौल के बीच हफीज के छोटे भाई हनीफ शाह ने अपने ससुराल पक्ष से रमजान शाह को तैयार किया। इसके बाद रमजान ने अपने बेटे शरीफ से बात की और तमन्ना का निकाह तय हुआ। हाथोंहाथ सारी बातें पक्की हो गईं और आधे घंटे में काजी को बुलाकर निकाह पढ़वा दिया गया। शरीफ ने बताया उनकी तरफ से तमन्ना से रिश्ते की बात पहले हो गई थी, लेकिन किन्हीं कारणों से रिश्ता हो नहीं सका। वे तो पहले से इस रिश्ते के लिए तैयार थे
कानून ऐसे लालची को सबक सिखाए
दुल्हन तमन्ना ने कहा- दहेज के ऐसे लालची लोगों को पुलिस सबक सिखाए ताकि फिर किसी बेटी और उसके परिवार को यह जिल्लत न सहना पड़े। निकाह से मैं खुश हूं।
जौनपुर में जमइथा से लेके नदी उसपार धर्मा पुर तक हो रहा पुल का निर्माण.....

जौनपुर के बाबा परमहंस की नाभी से कैसे प्रगट हुई अग्नि ....

जौनपुर में अंजुमन हुसैनिया की शब्बेदारी
जिस घड़ी सुबहे तबस्सुम का उजाला होगाअंजुमन हुसैनिया की शब्बेदारी में रातभर हुआ नौहा मातम हिंदू नौहेखां विक्रम चंद्र शर्मा व घनश्याम ने पेश किये दर्द भरे कलाम जौनपुर। नगर के बलुआघाट मोहल्ला स्थित मकबूल मंजिल में शनिवार की रात अंजुमन हुसैनिया की ओर से हिन्दू मुस्लिम एकता का प्रतीक कदीम ऐतिहासिक तरही आल इंडिया शब्बेदारी आयोजित की गई। इसमें बैरुनी अंजुमनों के अलावा शहर की प्रमुख अंजुमनों ने पूरी रात कर्बला के सबसे छोटे शहीद अली असगर की याद में अपने दर्द भरे कलाम पेश कर नजराने अकीदत पेश किया। फैजाबाद से आये नौहे खां विक्रम चंद्र शर्मा व लोरपुर अकबरपुर अम्बेडकरनगर से आये घनश्याम जी ने अपने दर्द भरे नौहे पढ़कर पूरे माहौल को गमगीन कर दिया। अलविदाई मजलिस के बाद गहवारे अली असगर और अलम, ताबूत निकाला गया जिसकी जियारत के लिए हजारों लोग मौजूद रहे। शब्बेदारी का आगाज तिलावते कलाम-ए-पाक से हुआ। कुमैल इलाहाबादी सहित अन्य लोगों ने अपने कलाम पेश किये। सोजख्वानी सैयद मोहम्मद निशात व उनके हमनवां ने किया। मजलिस को खेताब करते हुए नौगावां सादात से आये हुए मौलाना सैयद आबिद हुसैन ने कहा कि इमाम हुसैन के सबसे छोटे बेटे जनाब अली असगर जिनकी उम्र छह माह की थी। यजिदी फौजों ने उस वक्त कर्बला के मैदान में तीर से इमाम के हाथों में शहीद कर दिया। जब वे यजिदी फौजों से इस बच्चे के लिए दो कतरा पानी पिलाने के लिए मांग रहे थे जो तीन रोज का भूखा-प्यासा था। इस दर्दनाक वाकिये को सुनकर लोग दहाड़े मारकर रोने लगे। इसके बाद रायपुर छत्तीसगढ़ से आयी अंजुमन अकबरिया ने अपने नौहे पेश कर पूरा माहौल गमगीन कर दिया। मिसरे तरह, लब जरा और जो खोले तो कयामत आये व जिस घड़ी सुबहे तबस्सुम का उजाला होगा पर पूरी रात अंजुमन मासूमिया फैजाबाद के नौहा ख्वां विक्रम चंद्र शर्मा, सिपाहे हुसैनी मुसाफिर खाना सुल्तानपुर, मासूमिया लोरपुर अकबरपुर के नौहा ख्वां घनश्याम जी, शहीदियां अलीनगर अहले सुन्नत नौहाख्वां मुबीज व शमीम, अजंमुन हैदरी बनारस ने अपने दर्द भरे नौहे पढ़ कर कर्बला के इस कमसिन शहीद को नजराने अकीदत पेश किया। अलविदाई मजलिस पुन: मौलाना आबिद हुसैन ने पढ़ा इसके बाद शबीहे ताबूत अलम, झूला अली असगर निकाला गया। सरफराज हुसैन सरफन मिस्त्री ने सभी नौहे खां को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया। शब्बेदारी का संचालन अहमद बिजनौरी व डा. शोहरत जौनपुरी ने किया। जानकारी रहबर अब्बास ने दी
Saturday, November 28, 2015
जौनपुर के इस घाट पे बुरी आत्माओं का वास है..... जानिए कहा है ?
जौनपुर का ये मानमोह लेने वाला ये नजारा दिल को छुलेने वाला है इसकी सुन्दरता का क्या कहना जब मैं इसके घाट के पास गया तो ये घाट मेरे दिल को छु सी गई यहाँ की हरी भरी नजारे दिल को शांति प्रदान करती है जब मैं इसके घाट के पास जा रहा था तब मुझे गांव वालो ने एक आश्चर्य कर देने वाला बात पता चली लोगो ने बताया की यहा भुत-प्रेत का साया है इस पानी के अंदर व उसके आस-पास कई आत्माओं का वास है मुझे तो एसा कहीं कुछ महसूस नहीं हुवा यहा के लोग बताते है की यहाँ जो भी स्नान करने आता है वो इनका सीकर हो जाता है मुझे तो वहन के प्रकृति की सुन्दरता के आगे कुछ महसूस नहीं हुवा ....मनीष

जौनपुर को यमदग्न ऋषि की तपो भूमि कही जाती है उन्ही के पुत्र परशुराम ने क्यू अपनी माँ का सर काटा......?

Friday, November 27, 2015
जौनपुर की ये जादू वाली इमिरती .......क्या? कहाँ है ये

जौनपुर की किले में फिल्म होगी प्यार की जीत का ये दूसरे दिन शूटिंग के दौरान चोरी हुई ...... जानिए क्या हुवा

जौनपुर की किले में फिल्म होगी प्यार की जीत का ये दूसरे दिन की शूटिंग आज 27 की किला में हुई गाने की शूट फिल्म के प्रोडूसर राहुल कपूर ,डायरेक्टर-इस्तियाक शेख 'बंटी',म्यूजिक-अवनीश झा, स्टोरी एंड स्क्रीनप्ले -असलम शेख ,हीरो - खेसारी लाल यादव व् हिरोइन -स्वीटी आदि ये 2016 तक पूरा होगा ....रहबर अब्बास ने बताया की शूटिंग के वक्त एक लडके ने लाइट के नट बोल्ट चोरी करते पकड़ा गया उसे फिल्म मेकर ने रस्सी से बांधा बाद में उसके परिवार के लोगो के आने के बाद उसे छोड़ दिया गया फिल्म मेक्रो ने व् वहां के लोगो ने उसकी अच्छी तरह से पिटाई की बाद में छोड़ दिया ....मनीष
Thursday, November 26, 2015
जौनपुर के नगरपालिका की बिल्डिंग की कुछ अधूरी कहानी का भाग ....1

जौनपुर के शाही पुल की दिवार पर एक अनोखी जीव दिखी....क्या है

जौनपुर में सर्व धर्म के प्रेसिडेंट कोलकता के इमामे जुमा सय्यद अतहरअब्बास जी ......जानिए इनके बारे में
जौनपुर के मुफ़्ती हाउस में कोलकता के इमामे अतहर अब्बास जी से एक मुलाकात हुई ,उनसे काफी अच्छी जानकारियां प्राप्त हुई उन्हों ने बताया की हजरत अली के पुत्र है मोहम्द साहब के नाती है सन 60हिजरी में हुसैन का जन्म हुवा Iयज़ीद मोवाबिया का पुत्र था वो बड़ा ही जल्लाद व क्रूरता का व्यवहार करता था वो आपने को सत्ता में रखने के लिए सबसे अपना समर्थन लेने लगा वहां के गवर्नर को उसने बुलाया और उससे बोला की तुम मेरा पैगाम लेकर हुसैन के पास जाओ और उससे बोलो की वो हमे समर्थन करे यदि वो न करे तो उसका सर कलम कर मेरे पास लाना इमाम हुसैन एक सच्चे और नेक बंदे थे वो एसे सैतान के आगे सर झुकाने से बढियां अपना सर कटवाना पसंद करे गे ,इमाम हुसैन ने अपने 72 साथियों के साथ
कर्बला में थे इंकार करने पर यजीद ने उनके 72 साथियों को चारो तरफ से घेर लिया और भूखे प्यासे रखा सन 16हिजरी में दो मोहर्रम को कर्बला पहुंचे 10 मोहर्रम को युद्ध शुरू हुवा और वो बहादुरी के साथ लड़ना शुरू किया हुसैन ने कहा की जिल्लत की जिन्दगी से ज्यादा बेहतर है की लड़ते-लड़ते अपनी जान देदें Iइमाम हुसैन की इस क़ुरबानी से पुरे दुनिया में उनका नाम अम्र हो गया .....आगे की कहानी अगले ब्लॉग में --मनीष

काशी की देव दीपावली देखने अपने देव स्थानों को छोड़ के सभी देवी देवता काशी में ही उपस्थित रहते है ....जानिए कैसे


जौनपुर ...मुगल बादशाह अकबर ने पत्थर वाली मस्जिद का निर्माण करवाया...जानिए कहा है
जौनपुर ...मुगल बादशाह अकबर ने पत्थर वाली मस्जिद का निर्माण करवाया था इसकी नक्कासी कई सौ साल पुरानी है इसके दीवारों पर फ़ारसी भाषा में अकबर ने जगह-जगह लिखवा रखी है ये जौनपुर के मोहल्ला अजमेरी में स्थापित है चन्दन ने बताया की उस समय के मौलाना इसके छत के उपर खड़े होकर नमाज पढ़ते थे जिससे दूर-दूर तक इसकी आवाज जाती थी ये काफी ऊँची मस्जिद है इसपे कटे न्क्कासे देखते ही बनती है
जौनपुर के रोडवेज का पुनः नए सिरे से हो रहा निर्माण.......

Wednesday, November 25, 2015
जौनपुर के दैत्य केरार बीर व उनकी बहन किला मरीन का होता है महा यज्ञ
गुरुनानक जयंती के एक दिन बाद दो दिन दैत्य केरार बीर व किला मरीन जो करार बीर दैत्य की बहन है दोनों लोगो का पूजन व यज्ञ बहुत भव्य होता है लोग दूर-दूर से अपना मनोकामना पूर्ण कर उनका दर्शन व उन्हें हलुवा पुड़ी चढाते है जैसे जिसने माना हो वो उस प्रकार से चढावा चढ़ता है इनको ज्यादा मुर्गा ,खसी व दारू दोनों लोगो को चढ़ता है यही उनको पसंद है इनके यहा जो सच्चे दिल से मांगता है उनकी मुराद अवस्य पूर्ण होता है क्यू की इनपे प्रभु श्री राम की कृपा है जा प्रभु ने दैत्य केरार बीर का वध किया तो उन्हों ने आसिर वाद दिया की तुम्हे मेरे नाम से नहीं बल्कि लोग तुम्हे तुम्हारे नाम से ही पूजें गे इस लिए इस मन्दिर का नाम केरार बीर पड़ा......मनीष
जौनपुर सिटी स्टेशन का खुलती पोल...

जौनपुर में रेलवे की खुलती पोल जौनपुर में उत्तर रेलवे के महाप्रबन्धक 28 को आते देख ठीके दारो द्वारा प्लेटफार्म की गंगा बालू मिलाकर उसकी मरम्मत की जा रही है बस उपरी सुन्दरता दिखा कर उनको खुस किया जा रहा है वाह रे रेलवे अपने अधिकारी की आँखों में धुल झोकने से भी बज नहीं आते जहाँ अधिकारी निरिक्षण कर गए वही तुरंत उसे उजाड़ दिया जाए गा कुछ तो शर्म खाओ रेलवे वालो यात्रियों का पैसा रेलवे को सुधारने में नही बल्कि अधिकारीयों को खुश करने में किया जाता है जितनी भी मरम्मत हुई है वो सिर्फ अधिकारी को खुस करना तथा दोकोड़ी का मरम्त क्या अधिकारीयों को नहीं पता इसके बारे में आए देखे और चले गए अब तो सुधर जाओ अब जनता जाग चुकी है ......मनीष
जौनपुर में देव दीपावली के दिन घाटों पे मानो देवताओं का आगमन हुवा हो ....


असहिष्णुता
आज हिंदुस्तान को आजाद हुए ६८ वर्ष हो गए फिर भी हमारी सोच कुछ लोगो के सोच के इर्द गिर्द क्यों घूम रहा! असहिष्णुता आज ये शब्द हिंदुस्तान जैसे लोकतान्त्रिक देश में अराजकता और भय का माहौल
बना रहा है!अगर हम इस मुद्दे पर गहन चिंतन करे तो हमे एहसास होगा की जिन्हें हम अपना आदर्श मानते हैं चाहे वो पॉलिटिशियन, फिल्म एक्टर,क्रिकेटर या कोई बड़ी हस्ती हो उनकी बातों को हम बहुत गंभीरता से लेते हैं! हमें खुद सोचना चाहिए की इनके द्वारा कही गयी बात से समाज में अस्थिरता का माहौल तो नहीं बन रहा! आज जग जाहिर है की सत्ता की लालच में सभी पार्टी एक दुसरे पर साम्प्रदायिकता का आरोप लगाती रही है और अपने आप को धर्मनिरपेक्ष बताती रही है! भाइयों आज देश में हिन्दू और मुस्लिम भाइयों के बीच जो दुरी बढ़ रही है उसका मुख्य कारण ये पॉलिटिशियन हैं! ये भली भांति जानते हैं की अगर सत्ता में बने रहना है तो इनको कभी एक न होने दो! आए दिन हमारे देश में दंगे होते रहते हैं, माहौल को शांत करने के बजाये ये नेता दंगा को और भड़काते हैं! अब समय आ गया है की हम खुद सही और गलत का फैसला करें, क्या समाज के हित में है और क्या अहित में है! मैं उन बुद्धजीवी लोगों से आग्रह करता हूँ की समाज में अस्थिरता का माहौल न बनाए! आज के युवा आपको अपना आदर्ष मानते हैं इसलिए उनके विश्वास के साथ आप न खेलिए! अमित शुक्ल
बना रहा है!अगर हम इस मुद्दे पर गहन चिंतन करे तो हमे एहसास होगा की जिन्हें हम अपना आदर्श मानते हैं चाहे वो पॉलिटिशियन, फिल्म एक्टर,क्रिकेटर या कोई बड़ी हस्ती हो उनकी बातों को हम बहुत गंभीरता से लेते हैं! हमें खुद सोचना चाहिए की इनके द्वारा कही गयी बात से समाज में अस्थिरता का माहौल तो नहीं बन रहा! आज जग जाहिर है की सत्ता की लालच में सभी पार्टी एक दुसरे पर साम्प्रदायिकता का आरोप लगाती रही है और अपने आप को धर्मनिरपेक्ष बताती रही है! भाइयों आज देश में हिन्दू और मुस्लिम भाइयों के बीच जो दुरी बढ़ रही है उसका मुख्य कारण ये पॉलिटिशियन हैं! ये भली भांति जानते हैं की अगर सत्ता में बने रहना है तो इनको कभी एक न होने दो! आए दिन हमारे देश में दंगे होते रहते हैं, माहौल को शांत करने के बजाये ये नेता दंगा को और भड़काते हैं! अब समय आ गया है की हम खुद सही और गलत का फैसला करें, क्या समाज के हित में है और क्या अहित में है! मैं उन बुद्धजीवी लोगों से आग्रह करता हूँ की समाज में अस्थिरता का माहौल न बनाए! आज के युवा आपको अपना आदर्ष मानते हैं इसलिए उनके विश्वास के साथ आप न खेलिए! अमित शुक्ल
Tuesday, November 24, 2015
जौनपुर में इस हरियाली को जरुर देखने जाए .....जानिए कहाँ है

शर्म करो जौनपुर के जलकर विभाग ......जानिए क्यू ?

जौनपुर में ये दो शिवलिंग एक साथ दिखा ........
जौनपुर में ये दो शिवलिंग एक साथ दिखा ये शिवलिंग अपने आप में बड़ा ही अद्भुत है इसकी स्थापना रासमंडल के पहले बलुवा घाट में दिखा ये मन्दिर वहां के लोग बताते है की ये मन्दिर बड़ी ही अनिखी है आज तक किसी भी शिवालय में एक साथ दो शिवलिंग नहीं देखने को मिलता है इसके अंदर छोटी -छोटी तीन ,चार प्रतिमाएं भी है जो दीवाल से सटी हुई है एसा शिवलिंग बहुत कम देखने को मिलता है प्रेम से बोलो हर-हर महादेव .....मनीष
ये है जौनपुर के सबसे बड़े हनुमान जी जानिए इनके बारे में ......
इस विशाल प्रतिमा को जौनपुर के बावन बीर हनुमान जी के नाम से जाने जाते है ये जौनपुर के सबसे विशाल हनुमान जी है इनको यहा के यादवो ने शपथ ले के बनाया है इस मन्दिर के अध्यक्ष अवनेंद्र तिवारी ने बतया की यहाँ हर साल इग्यारह फरवरी को बड़ा ही वो22फिट बावन जव की प्रतिमा है
दो दिवसीय सृंगार महोत्सव होता है
11 फरवरी को भजन संध्या
12 को विशालकाय भंडारा का आयोजन होता
है अंतरास्ट्रीय ख्यातिप्राप्त कलाकारों को भजन सन्ध्या में बुलाया जाता है सुंदर पूजन व जागरण का आयोजन होता है इस विसाल काय प्रतिमा को लोग भरी मात्र में देखने आते है इनके यहा जो भी मुराद मागी जाती है वो निश्चित ही पूरी होती है मन्दिर के संस्थापक नरायनदास (बुलबुल )
महन्त -बाबा बजरंगदास
अध्यक्ष -अवनीन्द्र तिवारी
महामन्त्री-फेरु यादव
कोषाध्यक्ष -अमित त्रिपाठी, सर्वेश मौर्या अज्जू नियंत्रण प्रभारी अमित यादव
.....मनीष

अस्तित्व विहीन होता जौनपुर के राजा साहब का फाटक और महल ....




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