ये समाधि सच्चिदा नन्द साईं नाथ महाराज की है ये समाधि सिरडी की है जहाँ बाबा ने समाधि ली थी जहा बाबा की धुनी बराबर जलती रहती है बाबा बड़े ही दयालु व्यक्तित्व के महात्मा थे उनका कहना था की जिन्हें आप इश्वर ,अल्लाह ,वाहे गुरु ,जीसस के नाम से पूजते है वे कोई और नहीं बल्कि एक ही है लोग उन्हें अलग-अलग नामो से पुकारने लगे है ,उनका कहना था हम सब की रचना करने वाले व हम सब को चलाने वाले वो परम पिता परमेश्वर एक ही है उन्ही की शक्ति से ये संसार चलती है बाबा उन्ही के भेजे हुवे अनुवाई थे उन्हों ने सबको यही सिखाया की सबका मालिक एक है वो किसी जाती व धर्म का नहीं बना है वो तो न दिखने वाली एक अदिर्ष्य शक्ति है उसी के उपर ही इस ब्रह्मांड का भर है उसी के इसारे पे चलता है ....सच्चिदानन्द साईं नाथ महाराज की जय हो ...--मनीष
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