जौनपुर के सूर्य घाट में ये दो लोगों द्वारा जीवत समाधि लिया गया है ये समाधि सूर्य घाट के बड़े महंत और उनके परम शिष्य बाबा बालक दाश का है उन्ही के हाथों यहा मंदिर का निर्माण हुवा था जब उनका समय पूरा हो गया तो वो अपने शिष्य के साथ यहाँ जीवित समाधि लेली बाबा का तेज पुरे सूर्य घाट पे महसूस होता है दोनों लोगों की सुबह शाम पूजन व आरती होती है उन्हों ने कहा की यहा का जो भी महंत होगा वो वहा पे रह रहे शधू महात्माओं से पूछ कर उनका अंतिम संस्कार करे गा जैसे किसी को मरने के बाद जलसमाधि ,उनको धरती में दफन करना जिसकी जैसी इच्छा वैसा करना इनके यहाँ बाहर-बाहर के साधू संत आते है और अपना अंतिम समय बाबा की सेवा व मन्दिरों की देख रेख में बिता देते है ....जय हो बाबा की ...मनीष
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