जौनपुर में आखिर कार चौबीस घंटे की कड़ी मसक्कत के बाद मकान में घुसे तेंदुए को वन विभाग की टीम ने काबू में करते हुए पिजरे में कैद कर लिया | दरसल शुक्रवार को यहाँ के रामपुर डेरवा गाँव में एक तेंदुआ अचानक से गाँव में घुस गया और तीन लोगो को ज़ख़्मी कर मकान में घुस गया था | मौके पे पहुची पुलिस ने किसी तरह मकान में फसी महिलाओ को बाहर तो निकाल लिया था पर तेंदुए को काबू में करने का संसाधन न विभाग के पास था न ही पुलिस के पास ऐसे में वाराणसी लखनऊ और कानपुर से आई तीनो टीम ने मिलकर विशेष अभियान चलाकर एक घंटे तक चले ओपरेशन के बाद तेंदुए को बेहोश कर अपने कब्ज़े में लेलिया |
जिला मुख्यालय से करीब 5 किलोमीटर दूर सराय ख्वाजा थाना क्षेत्र के रामपुर डेरवा गाँव शुक्रवार से ही न सिर्फ जनपद में बल्कि प्रदेश में भी चर्चा का केंद्र उस समय बन गया जब कही से एक तेंदुआ खेत में पहुच गया और वहा काम कर रहे किसानो पर जानलेवा हमला कर दिया | ग्रामीणों ने एक जुटता दिखाते हुए किसी तरह तेंदुए को काबू में करने का प्रयास किया तो वो रिहायशी मकान की तरफ भागा और दिलीप मौर्या के पक्के मकान में घुस गया जहा महिलाये और बच्चे मौजूद थे | आनन फानन में थाने की पहुची पुलिस के जाबांज थानाध्यक्ष केके मिश्रा ने घर में घुस कर पहले तो महिलाओ को सुरक्षित बाहर निकाला और फिर मकान में बने चैनल को बंद कर उसे काबू में करने का प्रयास शुरू कर दिया | उधर वन विभाग की टीम भी पहुची पर संसाधनों के मौजूद न रहने के कारण वे मूक दर्शक बने रहे | आखिर कार 24 घंटे बाद लखनऊ , कानपूर व् वाराणसी से आई वन विभाग की टीम ने विशेष आपरेशन चलाया और बेहोश कर उसे एक घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद उसे अपने कब्ज़े में लेलियाइस दौरान गाँव में हजारो की संख्या में लोग तेंदुए की झलक पाने व अपने मोबाईल के कैमरों में कैद करने में बेताब दिखे जिसके चलते आपरेशन करने वाले अधिकारियो को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा | वन अधिकारियो की माने तो ये तेंदुआ नदी के किनारे बने जंगलो व रात के अंधेरो में यहाँ पंहुचा था और उसे काबू में करने के लिए डाक्टरों की टीम भी मौजद थी क्योकि बेहोशी की दवा जादा होने पर तेंदुए की जान को भी खतरा बन जाता |
जिला मुख्यालय से करीब 5 किलोमीटर दूर सराय ख्वाजा थाना क्षेत्र के रामपुर डेरवा गाँव शुक्रवार से ही न सिर्फ जनपद में बल्कि प्रदेश में भी चर्चा का केंद्र उस समय बन गया जब कही से एक तेंदुआ खेत में पहुच गया और वहा काम कर रहे किसानो पर जानलेवा हमला कर दिया | ग्रामीणों ने एक जुटता दिखाते हुए किसी तरह तेंदुए को काबू में करने का प्रयास किया तो वो रिहायशी मकान की तरफ भागा और दिलीप मौर्या के पक्के मकान में घुस गया जहा महिलाये और बच्चे मौजूद थे | आनन फानन में थाने की पहुची पुलिस के जाबांज थानाध्यक्ष केके मिश्रा ने घर में घुस कर पहले तो महिलाओ को सुरक्षित बाहर निकाला और फिर मकान में बने चैनल को बंद कर उसे काबू में करने का प्रयास शुरू कर दिया | उधर वन विभाग की टीम भी पहुची पर संसाधनों के मौजूद न रहने के कारण वे मूक दर्शक बने रहे | आखिर कार 24 घंटे बाद लखनऊ , कानपूर व् वाराणसी से आई वन विभाग की टीम ने विशेष आपरेशन चलाया और बेहोश कर उसे एक घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद उसे अपने कब्ज़े में लेलियाइस दौरान गाँव में हजारो की संख्या में लोग तेंदुए की झलक पाने व अपने मोबाईल के कैमरों में कैद करने में बेताब दिखे जिसके चलते आपरेशन करने वाले अधिकारियो को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा | वन अधिकारियो की माने तो ये तेंदुआ नदी के किनारे बने जंगलो व रात के अंधेरो में यहाँ पंहुचा था और उसे काबू में करने के लिए डाक्टरों की टीम भी मौजद थी क्योकि बेहोशी की दवा जादा होने पर तेंदुए की जान को भी खतरा बन जाता |
दीक्षित मुख्य संरक्षक वन विभाग वाराणसी मंडल ने बताया जिले की ये पहली घटना है जहा एक तेंदुआ शहर से सटे इलाके में रिहायशी इलाको में पंहुचा और तीन लोगो को घायल कर दिया | सवाल ये उठता है की काहिर ये तेंदुआ आया कहा से और जिस तरह से इसको काबू मे करने और ऐसी परिस्थितियों से निपटने के संसाधन वन विभाग के पास नही थी उसने कई सवालिया निशान छोड़ दिए है | ये तो उपर वाले की कृपा थी की तेंदुआ जिस मकान में घुसा था वहा चैनल गेट लगा हुआ था और थानाध्यक्ष की जाबांजी के चलते महिलाओ को बाहर निकाला जा सका अन्यथा तेंदुए को पिजरे में कैद करते करते कोई बड़ी घटना हो सकती थी |
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