जौनपुर में आस्था के साथ हो रहा है गंदा खिलवाड़ ,प्रसाशन ने मूर्तियों के विसर्जन के लिए गंदे नाले के पास गड्ढा खन के उसमे मूर्ति को विसर्जित किया जा रहा है ,जहाँ मूर्ति को विसर्जित किया जा रहा है वहां लोग सुबह-शाम शौच कर विसर्जन के लिए जो गंदे नाले में कुण्ड बनाया गया है उसमे अपना शौच साफ़ करते है ,जौनपुर में हिन्दू धर्म के साथ बड़ा ही घिनौना खेल खेला जा रहा है ,गणेश विसर्जन के बाद अब माँ की मूर्ति के साथ ये गंदा खेल दोहराया जाए गा ,आखिर कब तक एसा गंदा खेल हिन्दू आस्था के साथ खेला जाये गा ,प्रसाशन द्वारा जो कुंड बनाया गया है वो कुंड गौमती नदी के पास बह रहे गंदे नाले में गड्ढा कर मूर्ति विसर्जन कुंड बनाया गया है ,कब बंद होगा ये गंदा खेल यदि लोग इस बार अपने मूर्तियों को इस गंदे नाले में विसर्जित करने से रोक दे तो साशन व प्रसाशन दुरुस्त हो जाएँ गे ,
लेकिन आप को भी एक शपथ लेना होगा कि इस बार जो मूर्ति बैठाये छोटा ही बैठाए व इको फ्रेंडली मूर्ति ही बैठाए जिससे माँ आदि गंगा गोमती को गंदा होने से बचा सके और प्रशासन से अपनी मूर्ति विसर्जन को लेके शान से बात कर सके ,जिससे हिंदुवो की आस्था के साथ खिलवाड़ न हो सके ,इसका ध्यान हम सभी को भी रखना चाहिए,प्रशासन द्वारा जो गढ्ढा बनाया गया है वो भी कम गहरा व छोटा जिससे मूर्तियाँ पुरे सही तरीके से नही डूब पा रही है ......इस बार जो मूर्ति बैठाएं छोटी ही बैठाएं मगर इको फ्रेंडली ही बैठाए ........मनीष कुमार
लेकिन आप को भी एक शपथ लेना होगा कि इस बार जो मूर्ति बैठाये छोटा ही बैठाए व इको फ्रेंडली मूर्ति ही बैठाए जिससे माँ आदि गंगा गोमती को गंदा होने से बचा सके और प्रशासन से अपनी मूर्ति विसर्जन को लेके शान से बात कर सके ,जिससे हिंदुवो की आस्था के साथ खिलवाड़ न हो सके ,इसका ध्यान हम सभी को भी रखना चाहिए,प्रशासन द्वारा जो गढ्ढा बनाया गया है वो भी कम गहरा व छोटा जिससे मूर्तियाँ पुरे सही तरीके से नही डूब पा रही है ......इस बार जो मूर्ति बैठाएं छोटी ही बैठाएं मगर इको फ्रेंडली ही बैठाए ........मनीष कुमार
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