सात आतंकियों और सात मेडल पाने वाला फौजी को आजीवन कारावास .....जानिये क्यू मिला फौजी को आजीवन कारावास ?
सैनिक ने मारी पत्नी और प्रेमी को गोली मार, मौके पर ही प्रेमी की मौत हो गई जहाँ लंबे इलाज के बाद पत्नी की जान बच गई थी। घटना 13 फरवरी 2015 की है, जिसका फैसला गुरुवार को आया। भावनगर की कोर्ट ने सैनिक को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। सैनिक जिगरभाई व्यास आर .के अपार्टमैंट में किराए के फ्लैट में रहता था। 13 फरवरी की शाम को जिगर अपने फ्लैट पर पहुंचा। उसने कई बार दरवाजा खटखटाया, लेकिन पत्नी ने दरवाजा नहीं खोला। इस पर फौजी को शक हुआ तो वह दूसरी चाबी से दरवाजा खोलकर घर में दाखिल हुआ। जहां, बेडरूम में पत्नी चेतना और उसका प्रेमी नग्न हालत में थे। क्रोध में सैनिक जिगरभाई ने अपनी सर्विस रिवॉल्वर से पहले चेतना के सीने में दो गाली मारी, इसी बीच रणजीत सिंह नग्न हालत में अपने को बचने के लिए बाथरूम में जाके छिप गया| बाथरूम में छिपे रणजीत को फौजी ने अपने सर्विस रिवाल्वर से बाथरूम में रणजीत को गोलियों से छलनी कर दिया रणजीत की मौके पर ही मौत हो गई थी।
इस दौरान घायल अवस्था में ही चेतना किसी तरह फ्लैट से नीचे आ गई थी और ऑटो रिक्शा लेकर पुलिस थाने पहुंच गई। पुलिस ने उसे तुरंत अस्पताल में भर्ती कराया। पत्नी और उसके प्रेमी की हत्या करने के बाद फौजी भी खुदखुशी करना चाहता था, लेकिन इसी बीच पुलिस थाने से घर पर फोन आ गया। फौजी ने पुलिस को सारी बात बताई और बताया कि अब वह भी खुदखुशी करने वाला है। पुलिस वालों के समझाने पर फौजी मान गया और अपनी बेटी को लेकर सीधे पुलिस थाने पहुंच गया। पुलिस जांच में पता चला है कि मृतक रणजीत और आरोपी जिगर दोस्त थे। भावनगर में प्लास्टिक का कारखाना चलाने वाला रणजीत भी विवाहित था। वहीं, जिगर सेना का जवान। दोनों परिवारों के बीच गहरी दोस्ती थी। आर्मी में होने के चलते जिगर अक्सर शहर से बाहर रहा करता था। इसीलिए उसने अपनी पत्नी और बच्ची की देखभाल की जिम्मेदारी रणजीत और उसकी पत्नी को दे रखी थी। इसी दरमियान चेतना और रणजीत के बीच अवैध रिलेशन बन गए। बेवफा पत्नी की हत्या करने वाला फौजी जिगर हरेश भाई व्यास 15 साल से आर्मी में है। नाइन पेटा कमांडो, जिसमें गुजरात के दो लोगों में यह एक है। ताज पर हुए हमले के दौरान वह एनएसजी (नेशनल सिक्योरिटी गार्ड) के रूप में तैनात था। इस दौरान उसे एक गोली भी लगी थी। उसने दो आतंकियों को मौत के घाट उतारा भी था। उसे तत्कालीन राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल द्वारा मेडल भी दिया गया था। जिगर ने कुल 7 आतंकियों को मौत के घाट उतारा था। तीन बार उसे गोली लगी। उसे 7 मेडल मिले थे। उसने नागालैंड और जम्मू-कश्मीर के मेंडर में भी अपनी बहादुरी दिखाई थी
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