Saturday, September 17, 2016

माननीय प्रधानमन्त्री जी की कुछ अनदिखे पहलु.......जानिये क्या है वो पहलु ?

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माननीय श्री नरेंद्र दामोदर दास मोदी का जन्म गुजरात के महेसना जिले में स्थित वडनगर के छोटे से शहर में जन्म हुवा|माँ हीराबेन व उनके पती श्री दामोदर दास बड़ी कठिनाई से अपने बच्चों को पाले | पिता दामोदर दास स्टेशन पे चाय बनाते थे ,वही जब नरेन्द्र दामोदर दास बड़े हुवे तो वो अपने पिता के साथ स्टेशन पर चाय बेचते थे ,वे अपने घर को छोड़ कर हिमालय की सरन में चले गये ,वही वो कुछ दिन तक अपने जीवन को व्यतीत किये , फिर वो वहां से वापसी कर आरएसएस से जुड़ गये ,और गुजरात से चुनाव लड़े और गुजरात के मुख्य मंत्री बने ,जहाँ वो गुजरात के गोधरा काण्ड में फसे वही वो फिर चुनाव लडे और दुबारा गुजरात के मुख्य मंत्री बने ,तमाम आलोचना के बाद भी वो अपने संघर्षों को निरंतर संघर्ष रत रहे ,इतनी विवादों में घिरने के बाद भी वो बनारस से चुनाव लड़े और भाजपा को भारी जीत दिला के 26 मई2014 को प्रधानमंत्री पद की शपथ ली और देश के माननीय वर्तमान प्रधानमन्त्री श्री नरेंद्र मोदी जी बने ,भारत को आगे बढाने के लिए उन्होंने कई योजनाए निकाली उन्होंने गरीबो पर भी विशेष ध्यान दिया | उन्होंने कई दौरे विदेशों में की जहाँ वहां के वासिन्दा उनका जोर सोर से स्वागत किया ,भारत को उन्नति की शिखर पर लेजाने के लिए कई उद्योग को भारत में लाने की योजना बनाई ,स्वक्ष भारत बनाने के लिए उन्होंने स्वक्षता अभियान की शुरुवात की ,जो आज पुरे भारत में प्रसिद्ध हुवा,वहीं गरीब बच्चीयों के लिए सुकन्या स्म्रिधि योजना के नाम से बैंकों और पोस्ट आफिसों में खाते खुलवाना शुरु कराया जिससे गरीब आपने बच्चों की आसानी से शादी व पढ़ा सके ,एसे कई योजनाये है मननीय प्रधान मंत्री जी के कुछ विदेश निति -----  
 
विदेश नीति से संबंधित विभिन्न पहल में विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र भारत की वैश्विक मंच पर वास्तविक क्षमता एवं भूमिका की छाप दिखती है। उन्होंने सभी सार्क देशों के राष्ट्राध्यक्षों की उपस्थिति में अपने कार्यकाल की शुरुआत की। संयुक्त राष्ट्र महासभा में दिए गए उनके भाषण की दुनिया भर में प्रशंसा हुई। नरेन्द्र मोदी भारत के ऐसे प्रथम प्रधानमंत्री बने जिन्होंने 17 वर्ष के लंबे अंतराल के बाद नेपाल, 28 वर्ष बाद ऑस्ट्रेलिया, 31 वर्ष बाद फिजी और 34 वर्ष बाद सेशेल्स की द्विपक्षीय यात्रा की। पदभार ग्रहण करने के बाद से नरेन्द्र मोदी ने संयुक्त राष्ट्र, ब्रिक्स, सार्क और जी-20 शिखर सम्मेलनों में भाग लिया, जहां अनेक प्रकार के वैश्विक, आर्थिक और राजनैतिक मुद्दों पर भारत के कार्यक्रमों एवं विचारों की जबर्दस्त सराहना की गई। जापान की उनकी यात्रा से भारत-जापान संबंधों में एक नए युग की शुरुआत हुई। वे मंगोलिया की यात्रा करने वाले प्रथम भारतीय प्रधानमंत्री हैं और चीन व दक्षिण कोरिया की उनकी यात्राएं भारत में निवेश लाने की दृष्टि से कामयाब रही हैं। फ्रांस और जर्मनी की अपनी यात्रा के दौरान वे यूरोप के साथ निरंतर जुड़े रहे।

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