शीर्षक-प्रकृति से करें प्रेम
इसमे कोई सन्देह नही कि प्रकृति ने मनुष्य के जीविकोपार्जन हेतु समस्त सुविधायें प्रदत्त की है...
परन्तु उसके बदले मे मनुष्य ने प्रकृति को कुछ देने की बजाय प्रकृति का केवल अपने स्वार्थ के लिये दोहन किया है...
पूर्व मे आये प्राकृतिक आपदाओं का दोषारोपण हम ईश्वर पर अवश्य करते हैं परन्तु मनुष्य का प्रकृति के प्रति रूखा व स्वार्थपूर्ण व्ययवहार ही इसका प्रमुख कारण है....
भविष्य मे ऐसी आपदाओं से बचने के लिये प्रकृति से प्रेम एवं प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण करने की महती आवश्यकता है....
आशीष उपाध्याय
युवा नेता व समाज सेवक
ये है युवा नेता व समाज सेवी आशीष जी का प्रकृति के प्रति रुझान आप सब को मिल के इनके इस अभियान में पूरा साथ देना चाहिए जिस्सी लोग ज्यादा से ज्यादा जागरूक हो सके हम सब को मिलके पर्यावरण के प्रति आवाज उठाना चाहिए तथा पौधे लगा के पर्यावरण व प्रदूषण मुक्त जौनपुर करे हम सब को इनके इस अभियान में पूरा साथ देना चाहिए .......मनीष
इसमे कोई सन्देह नही कि प्रकृति ने मनुष्य के जीविकोपार्जन हेतु समस्त सुविधायें प्रदत्त की है...
परन्तु उसके बदले मे मनुष्य ने प्रकृति को कुछ देने की बजाय प्रकृति का केवल अपने स्वार्थ के लिये दोहन किया है...
पूर्व मे आये प्राकृतिक आपदाओं का दोषारोपण हम ईश्वर पर अवश्य करते हैं परन्तु मनुष्य का प्रकृति के प्रति रूखा व स्वार्थपूर्ण व्ययवहार ही इसका प्रमुख कारण है....
भविष्य मे ऐसी आपदाओं से बचने के लिये प्रकृति से प्रेम एवं प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण करने की महती आवश्यकता है....
आशीष उपाध्याय
युवा नेता व समाज सेवक
ये है युवा नेता व समाज सेवी आशीष जी का प्रकृति के प्रति रुझान आप सब को मिल के इनके इस अभियान में पूरा साथ देना चाहिए जिस्सी लोग ज्यादा से ज्यादा जागरूक हो सके हम सब को मिलके पर्यावरण के प्रति आवाज उठाना चाहिए तथा पौधे लगा के पर्यावरण व प्रदूषण मुक्त जौनपुर करे हम सब को इनके इस अभियान में पूरा साथ देना चाहिए .......मनीष
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