इंसान की इंसानियत जाती और धर्म से भी उपर होती है ,हम सभी एक है धर्म और जाती का बटवारा हम इंसानों पर ही लागु होते है ,हर इन्सान जब धरती पर जन्म लेता है तो वो एक होता है ,तब न ही वो किसी जाती और वर्ग का माना जाता है , इंसानियत से बड़ा ना ही कोई जाती है ना ही धर्म है , हम इन्सान ही अपने अपने धर्मों को दिल से मानते है और पूजते है , हम इन्सान दिखने में तो एक जैसे ही है फिर ये जाती और और धर्म में क्यू बाटे गये , जब हम अपने माँ की गर्भ से जन्म लेते है तब हम एक होते है , एक मुसलमान की पहचान उसके लिंग के ख्तनी से ही होती है , यदि उसकी ख्तनी न की जाये तो वो किस जाती और धर्म का कहलाये गा , जब उस जन्मे बालक का ख्तनी हो जाता है तो उसे पता चलता है की वो एक मुसलमान है , क्या और कोई तरीका है उनकी पहचान का जन्म के समय सब एक होते है , ये जाती और धर्म के ठीकेदार इंसानियत को हमारी जहन से निकाल कर हमे आपस में लड़ने के लिए मजबूर कर देते है , हमे वो कभी एक नही होने देंगे , लेकिन जो जाती और धर्म से परे होता है वो इन्सान होता है जो लोगों को प्रेम और आपस में भाईचारे का पाठ पढाये वो व्यक्ति हर वर्ग से बड़ा होता है , हम लोगो को हिन्दू ,मुसलमी ,सिक्ख , इसाई में बाँट दिया गया है इससे भी दिल नही माना तो उसमे भी छोटी छोटी जाती वर्ग में बाँट दिया , और उसमे भी आपस में मत भेद पैदा कर दिया,लेकिन इन सभी वर्गों से बड़ा इंसानियत होता है जो आपस में एक दुसरे को प्रेम और मिल कर रहना सिखाती है हम सभी को एक दुसरे के दुःख सुख में मिलकर साथ देना चाहिए .......................जाती और धर्म से परे इंसानियत होता है ...............मनीष शुक्ल
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